एक और रावण
एक और रावण
ग़र हर साल
जला ही देते हैं
सारे रावण
तो फिर धरती पर
दुःखों का
कौन बनता है कारण।
लगता है हम
असलियत में हैं मारीच
दशहरा में बन ख़ुद राम
बचाते हैं अपने को
और कर देते हैं शुरू
वही राक्षसी काम
समझ ही नहीं आता।
किसकी हुई हार
और किसकी जीत
शुरू रहती है तो बस
वही पुरानी कहानी।
