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neetu singh

Tragedy Others

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neetu singh

Tragedy Others

मैं क्या हूँ...?

मैं क्या हूँ...?

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मैं वो कोमल भावना हूं 

जो मार दी जाती है 

पूरी तरह उठने से पहले....!


मैं वो सपना हूं 

जिसे देखने की इजाजत 

हमारी परंपरा में नहीं है ...!


मैं वो दुआ हूं 

जो आमीन कर मांगी जाती है 

पर आसमां से लौट कर नहीं आती...!


मैं वो इच्छा हूं 

जो जाग जाती है गाहे-बगाहे 

पर आखिरी सांस तक अधूरी रहती है...!


मैं वो भाग्य हूं 

जो हमेशा जाना जाता है 

दुर्भाग्य के लिए...!


मैं वो मान हूं 

जिसे हमेशा अपमानित किया जाता है 

सम्मानितों के द्वारा...!


मैं वो रेखा हूं 

जिसकी तुलना होती है लक्ष्मण रेखा से 

और खींचीं जाती है निश्छल से छल करने के लिए..!


मैं वो बेटी हूं 

जो मार दी जाती है

गर्भ में जन्मने से पहले...!


मैं वो बहन हूं 

जो काट दी जाती है 

प्रेम की डोर थामने से पहले...!


मैं वो लड़की हूं 

जिस पर दरिंदगी के 

नित नये इतिहास रचे जाते हैं ...!


मैं वो पत्नी हूं 

जो खुद को मिटा देती है 

सब को बनाने के लिए...!


मैं वो नारी हूं 

जो पन्नों में पूजी जाती है 

और आग में भूजी जाती है...!


मैं वो देवी हूं 

जो पत्थर की मूर्ति में भी जान ले बस्ती है

पर घरों में मिट्टी से भी सस्ती है....!


मैं क्या हूं ..?

बोझ हूं..? भार हूं..?

या विभत्स विचार हूं..?

भक्ति हूं..? शक्ति हूं...?

या ममता साकार हूं..?



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