इशारा
इशारा


जिंदगी की मुश्किलों के
दौर सारे रख लिए हैं
मुट्ठी में कस बंद मैंने
खौफ़ सारे रख लिए हैं!
दूर तक जाती निगाहें
लौटकर फिर आ ही जाती
नक्शे तेरे घर के सारे
पास मैंने रख लिए हैं!
एक हल्का सा इशारा
जो तेरा मुझको मिले
बांध के सामान सारा
पास अपने रख लिए हैं!