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Sapna Shabnam

Tragedy

5.0  

Sapna Shabnam

Tragedy

प्राइवेट नौकरी वाला

प्राइवेट नौकरी वाला

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आज शाम वो मिलने आ रही है मुझसे

उससे कहूँगा कि उसी गुलाबी कुर्ती में आना

जो मेरी पसन्द से ख़रीदा था उसने

और साथ में वो मैचिंग के

झुमके डालना मत भूलना

जंचते हैं तुम पर।


इन्हीं ख्यालों में खोया वो

बस मुस्कुराता जाता है

और अचानक बॉस की एक

फटकार सुनते हीं

लेपटॉप पर उँगलियाँ च

लाने को मज़बूर हो जाता है।


वो प्राइवेट नौकरी वाला है साहेब

माशूका से ज़्यादा बॉस से खौफ़ खाता है

सटरडे को मूवी दिखाऊंगा

उसके बाद तुम्हें शोपिंग भी करवाऊंगा

और फिर डिनर भी हम साथ में करेंगे।


कुछ ऐसे वादे कर अपनी महबूबा को

संडे को लोंग ड्राइव के सपने दिखाता है

और बॉस की एक कॉल आते ही पूरा

विकेंड ऑफिस में बिताता है

वो प्राइवेट नौकरी वाला है साहेब

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माशूका से ज़्यादा बॉस से ख़ौफ़ खाता है।


तुम्हारी बातें मिश्री सी घोलती है कानों में

गाती बहुत अच्छा हो तुम

मानो कोयल कूँक रही हो कहीं बागानों में

ऐसी तारीफें करते थकता नहीं था वो

पर अब अक़्सर उसकी बातें

सुने बग़ैर हीं फोन काट देता है।


लेकिन बॉस की बक बक सुनकर भी

कान नहीं थकते उसके

वो बस उसकी हाँ में हाँ मिलाता जाता है

वो प्राइवेट नौकरी वाला है साहेब

माशूका से ज़्यादा बॉस से खौफ़ खाता है।


ऐसा नहीं है कि वो प्यार नहीं करता

उसकी कलियों सी मुस्कान

देख वो भँवरा सा बन जाता है

पर ज़िन्दगी के दो पहलुओं में

इस क़दर उलझा है वो

कि अक़्सर ख़ुद को भूल जाता है।


वो प्राइवेट नौकरी वाला है साहेब

माशूका से ज़्यादा बॉस से खौफ़ खाता है।


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