I'm Rajesh Chandrani Madanlal and I love to read StoryMirror contents.
Share with friendsमुझे समझ नहीं आता कि हम, अपनी इन भूल का प्रायश्चित कैसे करें?
Submitted on 03 Jan, 2021 at 11:11 AM
समाज संरचना में पारिवारिक संबंध इस रूप से ही गुने-बुने होते हैं।
Submitted on 22 Dec, 2020 at 12:56 PM
हमारा अगुआ होना, हमारे साथ दहेज का आवश्यक किया जाना, तुमसे बड़ी स्वयं हमारी विपत्ति थी।
Submitted on 21 Dec, 2020 at 12:17 PM
अगर नवीन कोई गंदा काम करके नहीं आया है तो उसे कोई टेंशन नहीं होना चाहिए था
Submitted on 20 Dec, 2020 at 10:40 AM
मेरे झर झर बहते अश्रुओं को देख ऋषभ सकते में आ गए थे।
Submitted on 18 Dec, 2020 at 11:39 AM
तेरी सज्जनता को वह सज्जन होना नहीं मानेगी बल्कि तुझे नामर्द ही मान लेगी,
Submitted on 16 Dec, 2020 at 10:58 AM
विश्वास योग्य व्यक्ति ही नहीं हो। तुम उनके योग्य नहीं, एक अत्यंत घटिया पति हो।
Submitted on 15 Dec, 2020 at 05:35 AM
इस पर दमयंती और बहू ने, मन मारकर अपने अपने चेहरे पर हँसी लाई थी।
Submitted on 14 Dec, 2020 at 07:11 AM
आपने दोनों ही प्रकरण में अत्यंत सराहनीय रूप से खोज खबर ली एवं रिपोर्टिंग की
Submitted on 10 Dec, 2020 at 08:06 AM
बहुत से प्रौढ़ पुरुषों की दृष्टि सिनेमा ने ख़राब कर दी है।
Submitted on 04 Dec, 2020 at 11:00 AM
किसी दूसरे मनुष्य जितनी ही, मैं भी एक मनुष्य हूँ।"
Submitted on 03 Dec, 2020 at 10:46 AM
मगर अपने काम, सबके भलाई को दृष्टि में रखते हुए करते हैं, तब वह इबादत ही हो जाती है …. ”
Submitted on 02 Dec, 2020 at 11:51 AM
यह कपास के बड़े ढेर में एक सुई को खोजना जितना चुनौती पूर्ण था
Submitted on 01 Dec, 2020 at 10:33 AM
एक के बाद एक दुःख के टूट रहे पहाड़ ने, पूर्व शौहर को तब विद्रोही बना दिया।
Submitted on 30 Nov, 2020 at 13:26 PM
हवालात में वापस डल जाने पर, इन्हीं वजह से वह बेहद गुस्से एवं अफ़सोस में था
Submitted on 29 Nov, 2020 at 15:06 PM
नारी_सुरक्षा_एवं_सम्मान_रक्षा एनजीओ भी भलीभाँति चल रहा है।
Submitted on 28 Nov, 2020 at 09:07 AM
उसने मेरे, गर्भस्थ मासूम शिशु को, कुर्बानी वाले जानवर की तरह ट्रीट किया है।
Submitted on 27 Nov, 2020 at 05:43 AM
मैं, असहाय ना होकर भी, स्वयं को असहाय अनुभव करती रहूंगी
Submitted on 26 Nov, 2020 at 12:46 PM
हरिश्चंद्र के मन में उस पल एक द्वन्द उभर आया कि फिरदौस का तन ज्यादा सुंदर है या मन?
Submitted on 25 Nov, 2020 at 09:06 AM
“दो वर्षों में आपका स्कूल लड़कियों के चाल चलन की दृष्टि से आदर्श सा हो गया है
Submitted on 24 Nov, 2020 at 11:19 AM
समाज को प्रभावित कर सकने में कम समय लगाने के लिए, अनन्या को भी माध्यम बना लिया है।
Submitted on 22 Nov, 2020 at 12:16 PM
इन विचारों में खोया था तभी मैंने, अनन्या को हाथ जोड़ते देखा, फिर उसे कहते सुना
Submitted on 21 Nov, 2020 at 11:12 AM
“नहीं, नहीं मैडम जी, हम मांसाहार ना तो खाते हैं ना ही बनाते हैं, हम ब्राह्मण हैं”।
Submitted on 20 Nov, 2020 at 11:25 AM
हम निकट भी थे, तब भी मेरी आँखों से फिर इंद्रधनुषी किरण नहीं निकली थी।
Submitted on 19 Nov, 2020 at 04:08 AM
उस दर्पण में, मुझे अपना कद, उसकी तुलना में बौना सा दिखाई दिया था।
Submitted on 18 Nov, 2020 at 06:15 AM
इससे तलाक का आदेश कर, मुझे, आज ही इससे मुक्त किया जाए।
Submitted on 17 Nov, 2020 at 08:03 AM
आप एडवोकेट फिरदौस नाम के उल्लेख सहित ही अपना संस्मरण प्रकाशित कीजिये।
Submitted on 15 Nov, 2020 at 11:11 AM
उनके विवाह के समय वाले प्यार और समर्पण से पेश आने लगे थे।
Submitted on 13 Nov, 2020 at 08:46 AM
अपने जीवन को समर्पित करने वाला सपना, मुझ पर हावी हो रहा था।
Submitted on 11 Nov, 2020 at 12:25 PM
अपितु इसे दिखाने के पीछे निश्चित ही कोई दिव्य शक्ति है ….
Submitted on 10 Nov, 2020 at 12:45 PM
किसी और से संबंध के बाद, अन्य से विवाह को, तुम्हारी अंतरात्मा कैसे स्वीकार कर सकती है?
Submitted on 08 Nov, 2020 at 12:54 PM
फिर अभी, उसका मेरे पूछने पर हड़बड़ा जाना, मेरे मन में प्रश्न उत्पन्न कर रहा था
Submitted on 01 Nov, 2020 at 12:17 PM
अगले कुछ क्षणों में मेरे सड़क पर पड़े मृत पार्थिव शरीर से, मेरी आत्मा अलग हो रही थी।
Submitted on 30 Oct, 2020 at 13:58 PM
यदि मैं किसी के अत्याचार में, मार दी जाती हूँ तब अवश्य ही मीडिया जागेगा,
Submitted on 29 Oct, 2020 at 11:10 AM
इसमें, मैंने, इसे मेरी पीड़िता बहन के अतिरिक्त, ऐसी अन्य दुर्भाग्यशाली पीड़िताओं को भी, म
Submitted on 27 Oct, 2020 at 13:03 PM
बुराई के नाम पर हजारों वर्षों बाद भी, आज तक रावण का पुतला दहन किया जाता है।
Submitted on 25 Oct, 2020 at 10:37 AM
‘मेरी कहानी’ आगे पढ़नी स्थगित की थी। साथ ही मोबाइल रिकॉर्डिंग ऑफ कर दी थी।
Submitted on 21 Oct, 2020 at 13:03 PM
मैंने पूछा -" तो पापा, क्या यौनेक्छा बुरी बात होती है? "
Submitted on 18 Oct, 2020 at 15:57 PM
यह स्थान कोठा कहा जाता है। यहाँ औरतें, देह व्यापार से, अपनी आजीविका चलाती हैं।
Submitted on 16 Oct, 2020 at 10:26 AM
आंटी के साथ अंदर एक कक्ष में पहुँचे थे। जिसमें रखे, एक पुराने से सोफे पर, उस आंटी ने हम
Submitted on 15 Oct, 2020 at 13:49 PM
बेटियों और युवतियों की तस्वीर भी अब ज़माने में किसी भय से निरापद नहीं।
Submitted on 14 Oct, 2020 at 04:02 AM
यह जीवन और यह भावनायें मेरी वास्तविकता थीं।
Submitted on 28 Sep, 2020 at 14:59 PM
लेकिन मुझे अब कोई लाज नहीं आई थी क्योंकि मेरे साथ सुशांत थे।
Submitted on 24 Sep, 2020 at 08:47 AM
"बेटा, तुम अपनी उम्र से ज्यादा, अनुभव की कहते हो। तुम्हारी अनूठी यह योग्यता है!
Submitted on 22 Sep, 2020 at 03:50 AM
उत्तर से चौंकने की बारी मेरी थी कि सुशांत, आर्मी में है।
Submitted on 18 Sep, 2020 at 03:47 AM
बेटी कुछ बातें मैंने अपनी माँ के जीवन से बिना उनके कुछ कहे-सुने सीखीं थीं।
Submitted on 16 Sep, 2020 at 11:54 AM
मुझसे, विवाह करते हुए नबीहा गौरवान्वित अनुभव कर रही थी।
Submitted on 28 Aug, 2020 at 10:45 AM
राष्ट्रनिष्ठ एवं न्यायप्रिय नागरिक बनाने की दृष्टि से करूँगा।
Submitted on 17 Aug, 2020 at 02:17 AM
कामनाओं की पूर्ति न होना, मनुष्य में अवसाद का कारण बनता है।
Submitted on 14 Jul, 2020 at 10:40 AM
आपके जैसी सुंदर नवयौवना के सुंदर हृदय में बसने वाला यह प्रेम एकतरफा नहीं रह जाना चाहिए।
Submitted on 12 Jul, 2020 at 09:26 AM
मगर हर बात में नारी को घसीट कर लाँछित करना, हमारे समाज में शर्मनाक सच्चाई है।
Submitted on 08 Jul, 2020 at 07:46 AM
और बेटियों को अपनी ही बेटी जैसा प्यार एवं मार्गदर्शन प्रदान करते हो।
Submitted on 05 Jul, 2020 at 13:06 PM
हमारे समाज में मर्यादा, हमें संस्कारों में मिलती है।
Submitted on 04 Jul, 2020 at 13:13 PM
वासनाओं से ऊपर उठ, प्रेम की परंपरा अभी भी जारी है यद्यपि इसे निभाने वाले बिरले बच रहे।
Submitted on 03 Jul, 2020 at 10:47 AM
माँ अपने विवाह से आप, रिश्ता सात जन्म का नहीं होता, ऐसा सिद्ध करना चाहती हो
Submitted on 30 Jun, 2020 at 11:29 AM
सिर्फ मनुष्य के जागृत विवेक के अवलंबन से ही, संभव हो सकता था।
Submitted on 28 Jun, 2020 at 11:39 AM
कुछ धूर्त तथा अपराधी किस्म के पुरुषों के लिए सॉफ्ट टारगेट होते ही है।
Submitted on 25 Jun, 2020 at 11:53 AM
हमारा ईश्वर मगर, कुंदन की परख कसौटी पर बार बार घिस कर करता है।
Submitted on 24 Jun, 2020 at 12:01 PM
दोनों में मित्रता हुई है, इस विचार ने मुझे मानसिक संतोष दिलाया था।
Submitted on 23 Jun, 2020 at 11:30 AM
जो नर्मदा, प्राणियों के जीवन के लिए जल प्रदान करती है, उसमें मर कर तुम उसे, गंदा करती
Submitted on 22 Jun, 2020 at 13:09 PM
ट्रस्ट की जमा पूँजी से, मैं, ऐसे और 5 हजार बेटे-बेटियों का लालन-पालन सरलता से कर सकता हूँ!!
Submitted on 21 Jun, 2020 at 09:33 AM
मैं प्रोफ़ेसर पत्नी ऐसे ना मानेगी तो वे जज के तरह बैठ गए।
Submitted on 20 Jun, 2020 at 12:55 PM
मैं बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकल रहा हूँ ताकि मैं, अनावश्यक भीड़ न बनूँ
Submitted on 19 Jun, 2020 at 07:15 AM
मेरी इन पत्नी महोदया के द्वारा बनाई गई है, बनाई ही नहीं उत्कृष्ट बनाई गई है।
Submitted on 16 Jun, 2020 at 12:03 PM
उसके दार्शनिक तरह के शब्द मुझे अच्छे लगे
Submitted on 15 Jun, 2020 at 11:16 AM
अपने ग्लानिबोध में डूबे पति को उससे निकालने में सहायता करुँगी।
Submitted on 14 Jun, 2020 at 10:57 AM
अब तो तुम्हारे भाई आ गया, अब तो बंद हो जाएगी ना तुम्हारी मम्मी की 'जनना फैक्ट्री'?
Submitted on 12 Jun, 2020 at 10:42 AM
यह धन मुझे, इसी देश से मिला है। उसमें से कुछ अभी देश को लौटाने की बारी/समय है।
Submitted on 11 Jun, 2020 at 11:16 AM
नारी को कोई अंतर नहीं पड़ता कि उसमें, किसने क्या देख लिया।
Submitted on 10 Jun, 2020 at 11:00 AM
ऐसे सरल लोगों से खाना लेकर, हम किसी घने वृक्ष की छाया में, प्रेम से बैठकर खाते थे
Submitted on 09 Jun, 2020 at 10:48 AM
मेरा प्रादुर्भाव ज्यादा पुराना नहीं, लेकिन कुछ ही दशकों में मैं, अनेक बुराई का साक्षी हुआ
Submitted on 08 Jun, 2020 at 08:54 AM
"ट्रेन में जन्मी तुम्हारी बेटी बच न सकी, तुम किस का दोष मानती हो?"
Submitted on 07 Jun, 2020 at 10:44 AM
यह होता है या नहीं, आगे देखने वाली बात रहेगी, अब अलविदा।
Submitted on 06 Jun, 2020 at 10:59 AM
स्पष्ट था कि कोई साथ नहीं हो तो किसी का भी साथ मिल जाये, कितना प्यारा लगता है
Submitted on 04 Jun, 2020 at 15:14 PM
कुछ सोचते हुए स्वयं ही, कहा ठहरिये और अन्दर चली गई।
Submitted on 04 Jun, 2020 at 09:28 AM
मेरे पिता जैसे, इन लेखक जी से, मिलने की इच्छा मुझ में, बलवती हुई
Submitted on 03 Jun, 2020 at 11:28 AM
अतः मेरी भूख के समय, उदर पूर्ति के लिए तुम, मुझे सादा भोजन करवा दो।
Submitted on 02 Jun, 2020 at 10:28 AM
: तुम उम्र जनित दैहिक आकर्षण के प्रभाव में अपनी पढ़ाई के तरफ से विमुख हो रही थीं।
Submitted on 01 Jun, 2020 at 11:40 AM
नीलम, पढ़ाई से, गणित, विज्ञान, भूगोल एवं इतिहास आदि का ज्ञान बढ़ता है।
Submitted on 30 May, 2020 at 07:17 AM
यह कि अब तुम और बच्चे नहीं पैदा करके, मेरे पर भार न बढ़ाओगी।
Submitted on 29 May, 2020 at 07:44 AM
एक बेटी और एक बेटे के जन्म ने, उसका परिवार पूरा कर दिया।
Submitted on 28 May, 2020 at 10:06 AM
ऐसा है तो ठीक है, हमारे बच्चों में से गोद लेने का विचार न रखना, मैं अभी ही बता देती हूँ
Submitted on 27 May, 2020 at 06:42 AM
जब तुम्हारे साथ दूसरे ऐसा करते हैं तो, उनकी औरतों के साथ, मैं ऐसा क्यों ना करूँ?
Submitted on 26 May, 2020 at 07:58 AM
सहायता के भाव से ज्यादा, हममें, अगले चुनाव में इन्हें, अपने लिए संभावना दिखाई पड़ती।
Submitted on 25 May, 2020 at 08:41 AM
जी हाँ सुखद बात इसमें यह है कि मैं पतिदेव के रहते हुए ही, जग छोड़ कर जा रही हूँ।
Submitted on 23 May, 2020 at 07:43 AM
"समय" यह जानता था कि-आगे वह, हमें क्या दिखाना चाहता है।
Submitted on 18 May, 2020 at 08:02 AM
हेतल, यह तो ख़ुशी की ही बात है, तुम्हें वेदना नहीं हुई और बेटे को तुमने जन्म दे दिया
Submitted on 17 May, 2020 at 07:52 AM
मेरे द्वारा आत्मा की यह अदला बदला, उसे मालूम नहीं थी।
Submitted on 16 May, 2020 at 06:23 AM
इस देश पर लानत-मलानत कैसी, जो आपको, कई कई औलादें पैदा करने की छूट देता है।
Submitted on 09 May, 2020 at 08:33 AM
आँखों से टपक रहे अश्रु, उनके सीने के, वस्त्र के, हिस्से को गीला कर रहे हैं।
Submitted on 06 May, 2020 at 13:46 PM
शायद इन्हें पैदा करने पर, इनकी माँ ही स्वयं को, कलंकित तो अनुभव करती होगी !
Submitted on 04 May, 2020 at 11:33 AM
मैं उसकी मूवीज फिर फिर देखती थी। उसके वॉल पेपर, अन्य फोटोज और उसके गाने देखा करती थी। उसके सारे सोशल प्लेटफॉर्म्स पर फैन...
Submitted on 18 Apr, 2020 at 06:15 AM
बिन रीति रिवाज के, आपके विवाह के भविष्य को, जानने की मुझे जिज्ञासा रहेगी
Submitted on 17 Apr, 2020 at 05:26 AM
हमने पैकेट देते हुए सबसे यही अनुरोध किया था, जिसके घर राशन उपलब्ध है, वे यह मदद न लें।
Submitted on 12 Apr, 2020 at 09:02 AM
यह देश, हमें अपने मज़हबी विश्वास बदलने नहीं कहता है। इबादत से नहीं रोकता है।
Submitted on 09 Apr, 2020 at 07:16 AM
मैं, तेरे और अपने बच्चों के साथ ही कुछ भी हासिल कर सकता हूँ, अन्यथा कुछ मिलना
Submitted on 07 Apr, 2020 at 09:28 AM
मेरे काम तो ख़राब कर दिए, मगर डायरी में सच लिखना, मैं अब भी जारी रखा करता हूँ
Submitted on 06 Apr, 2020 at 15:35 PM
धारणा तभी से बन गई थी मेरी, कि पति नामक जीव को, पत्नी पर अत्याचार का वरदान है।
Submitted on 05 Apr, 2020 at 01:15 AM
दो दिन फिर मैंने, उसे लेकर, बहुत चिंतन मनन किया था, मुझे तरकीब सूझी थी।
Submitted on 03 Apr, 2020 at 07:08 AM
एक बात मेरे संतोष की रही थी। मेरी प्यारी बेटी, कोरोना नेगेटिव हो गई थी।
Submitted on 02 Apr, 2020 at 05:58 AM
मेरा रोहन, कोरोना नेगेटिव हो गया है। दोपहर तक घर आने वाला है।
Submitted on 28 Mar, 2020 at 05:37 AM
आज कोरोना वायरस से पूरा देश डरा हुआ है। उस संक्रमण को रोकने की कोशिश में सब लगे हुए हैं
Submitted on 26 Mar, 2020 at 08:38 AM
स्वर में कहते हैं, तो वकील साहब बिना समय लिए अभी ही कोशिश कीजिये ना।
Submitted on 25 Mar, 2020 at 06:27 AM
एक समय मुझे जब यह संशय हुआ कि धरती पर कदाचित मैं ही अकेली मनुष्य तो नहीं रह गईं
Submitted on 24 Mar, 2020 at 13:35 PM
इस स्तर पर, इस तेजी से, भाग्य को दुर्भाग्य में बदलते संसार में शायद ही कहीं देखा गया था
Submitted on 23 Mar, 2020 at 08:13 AM
अब हम पर उसके औषधि और टीका शीघ्र खोजने का बेहद मानसिक दबाव हो गया था
Submitted on 22 Mar, 2020 at 04:59 AM
शीतल के तरफ से संदेश बिलकुल स्पष्ट था कि मैं उसकी निर्धारित कसौटी पर खरा रहूँ, तब तो मै
Submitted on 23 Feb, 2020 at 03:22 AM
शीतल के घर छोड़ने के लगभग एक महीने बाद, स्पीड पोस्ट से मुझे वकील के माध्यम से, भेजा नोटि
Submitted on 18 Feb, 2020 at 04:15 AM
"उनके द्वारा रिक्त पद पर अब आगे, शायद, कोई उनसा ही, राष्ट्र निर्माता इंजीनियर आ सकेगा।"
Submitted on 16 Feb, 2020 at 05:54 AM
यह तय करने के लिए लिख रही हूँ कि आखिर मैंने किससे लिया, बदला ?
Submitted on 13 Feb, 2020 at 04:24 AM
जन्म भूमि, भारत, विश्व का सर्वोत्कृष्ट राष्ट्र होने का दर्जा हासिल करे।
Submitted on 07 Feb, 2020 at 16:22 PM
उसके स्वयं के प्रयत्नों से अन्य को जीवन सुलभ करने में सहायक होती है।"
Submitted on 04 Feb, 2020 at 15:46 PM
आप पर क्या बीती उसकी मुझे थोड़ी कल्पना है
Submitted on 26 Jan, 2020 at 07:22 AM
कामाँधता में भटक रहे देश के ही एक भाई को रेपिस्ट होने से उसने रोक लिया था
Submitted on 24 Jan, 2020 at 14:36 PM
इस दर्जे के इंसान होने को लेकर गर्व अनुभव हो रहा था। हॉल में तभी तालियों की आवाज गूँज र
Submitted on 12 Jan, 2020 at 14:28 PM
जीवन यात्रा पर क्षणांश में ही मेरा जीव पुनः एक नारी गर्भ में स्थापित हो जाता है।
Submitted on 11 Jan, 2020 at 13:53 PM
निशर्त प्रतीत होते उनके जीवन में एक और बहुत अद्भुत संगम मैं देखता हूँ। हमें लगेगा कि उनका जीवन ’अपने लिए जिये तो क्या ज...
Submitted on 27 Dec, 2019 at 03:28 AM
लेकिन हूँ तो, मैं एक अम्मा ही, इन्हें पालना होगा मुझे।
Submitted on 25 Dec, 2019 at 04:01 AM
पीछे हरीश पेंट-शर्ट उतारते हुए बोला, हेह-पत्नी, भूल जा यह बात... मेरी पत्नी गीता है, गीता, समझी? चुड़ैल जैसी सूरत है तेर...
Submitted on 24 Dec, 2019 at 02:11 AM
देश में स्वार्थी तत्व बहका कर दंगे भड़का रहे हैं। इससे अपने ही देश और समाज के सेंटीमेंट्स बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। ...
Submitted on 22 Dec, 2019 at 14:41 PM
मैं संतोष कर ना लूँगी की मेरा मरना व्यर्थ नहीं गया। ओह्ह जिंदा जलने की वेदना कल्पना से बहुत अधिक दर्दनाक असहनीय है। अब म...
Submitted on 14 Dec, 2019 at 10:50 AM