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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Tragedy

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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Tragedy

सीधी बात

सीधी बात

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मन में कुछ,जुबान पे कुछ

दिखता कुछ ,असल कुछ

नियत ,निति ,रीती में अंतर।

डिप्लोमेसी ,कुटिनीति 

चाल चेहरा चरित्र


सीधी बात नहीं, सीधी चाल नहीं

नहीं सीधा व्यवहार

असली दीखते नकली नकली दीखते असली

विश्वासघात।।


रिश्तों में चाहिये नियत साफ़

नहीं चाहिये संसय ,संदेह ,मकड़ जाल।।

मन दर्पण सा सीधा साधा आचार

व्यवहार मन में मैल नही

कोई पर्दा नहीं ना द्विअर्थी भाषा की दरकार।।


स्पष्ठ विचार, नियत साफ़, जीवन

सच्चाई का मार्ग।

सीधी बात कुछ कड़वी पर

नहीं कोई रोग व्यधि।।


जीवन में

कपट ,कपटी .छल. छद्म. प्रपंच

का प्रतिकार।

मिश्री सी बाणी शहद टपकाती

जुबान कुछ इधर, कुछ उधर 

संशय का संसार।।


चतुराई ,कुटिलता ,चाटुकारिता

मतलब मौके का प्रहार।

सीधी सच्ची बातों से बनते 

बिगड़े सब काम।।


सीधी बात सीधा व्यवहार

सभ्रांत रिश्तो का संस्कार

झूठ ,फरेब, मक्कारी ,मकड़ जाल।।

उलझ जाता खुद इंसान

सच्चाई छिपती नहीं

इंसान अपमानित होता होता शर्म सार


सच्चई आफत काल

सचाई ईमान का दर्पण

रिश्तों की बुनियाद।।


सच्चाई से डरता काल

सच्चाई सीधी साधी 

सीधी साधी बात।।


तर्क कुतर्क नहीं बात

विबाद नहीं शंका सदेह नहीं

सरपट दौड़ती प्रेम संस्कृति

रिश्ते का समाज परिवार।।


सीधी बात भय भ्रम का

परित्याग निश्चय निर्भीक

समरस सम्पूर्ण निष्ठां विश्वास

आस्था अस्तित्व का पल

प्रहर काल।।


निर्मल निर्झर नित्य निरंतर

ह्रदय की निर्विकार झंकार

हर ह्रदय ईश्वर का बास


चेतना जाग्रति का एहसास।।

शुद्ध विशुद्ध सात्विक अविरल

अविराम मानव मर्यादा रिश्ता

आनंद मंगल का सर्व समाज।।



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