मौन मेरा तुम ना समझ पाए
मौन मेरा तुम ना समझ पाए
ना मेरे शब्दों को तुमने समझा
ना मौन मेरा तुम समझ पाए
अब तुम ही कहो
कैसे कोई तुम्हे समझाए
लगी रही झड़ी आँखों से
मेरे आंसुओं को पोंछने
मगर तुम ना आये
अब तुम ही कहो .......
हर किसी ने किया अपमान मेरा
पर मेरे क़रीब
तुम ना आये , अब तुम ही कहो .......
मैं तो हार गयी पिया तुमसे
अब कौन तुम्हे समझाए
अब तुम ही कहो
कैसे कोई तुम्हे समझाए
अब तुम ही कहो ।

