तेरे तन के भूगोलों पर
तेरे तन के भूगोलों पर
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तेरी साँसों की सरगम पर
मैं अपने प्राणो का विश्वास लिखूं
तेरे हर उच्छास पर
मैं अपना हर विश्वास लिखूं
मेरे मन के तम पर
तेरी प्रीत का उजास लिखूं
तेरे कम्पित कम्पित होठों पर
मैं अपने अधरों की प्यास लिखूं
पावस की बदरी जैसे
तेरे आने की हर आस लिखूं
तेरे तन के भूगोलों पर
मैं अपने मन का इतिहास लिखूं
तेरी साँसों की सरगम पर
मैं अपने प्राणो का विश्वास लिखूं।