वो मीत बन जाए
वो मीत बन जाए
जो समझे
मेरे मौन की पीड़ा को
जो मेरे अन्तर में झांके
जो समझे मुझको
वो मीत बन जाए
मैं हारूं
अपना सब कुछ उस पर
मेरी हार ही
मेरी जीत बन जाए
नयनों की भाषा में
मैं उसको बोलूं
वो मुझको बोले
बस वो
प्रेम गीत बन जाए
जो समझे मुझको
वो मीत बन जाए।

