वो लड़की
वो लड़की
मातम सा छा गया घर में
जब पैदा हुई वो लड़की
कुछ बड़ी हुई तो घर के पहरे में
आ गई वो लड़की
घर का सारा काम काज करती
पानी भरती, बर्तन मांजती, खाना बनाती
झाड़ू लगाती वो लड़की
हंसने पर प्रतिबंध, रोने की मनाही
खिड़की से झांकने पर रोक
घूमने फिरने पर पाबंदी
डांट फटकार सुनती वो लड़की
पढ़ती और अव्वल आती
पर सराही न जाती
आगे पढ़ने, बढ़ने से रोक दी जाती वो लड़की
ब्याह दी गई एक अनजान पुरुष से
और बोझ उतर गया माता पिता का
सास का जुल्म, ननद की जली कटी
पति के नाज उठाती, तमाम गालियाँ सुनती
दहेज के लिए प्रताड़ित की जाती वो लड़की
पति मृत्यु पर विधवा होने का दर्द झेलती
ससुराल द्वारा लताडी गई, मायके द्वारा
अभागिन कही गई वो लड़की
लुटती, पिटती, भटकती, एकांत में रोती
छल फरेब खाती, जीवन की खोज में
मंजिल की तलाश में वो लड़की.