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L. N. Jabadolia

Tragedy Inspirational

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L. N. Jabadolia

Tragedy Inspirational

पुलवामा: अब तुम सीने पर वार करो...।

पुलवामा: अब तुम सीने पर वार करो...।

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भारत माता के सपूत वीरों, आज मां ने तुम्हे बुलाया है,

बुझदिल कायर गीदड़ों ने धोखे से, पुलवामा को दहलाया है,

कुछ देशद्रोहियों से हाथ मिला, कायरता उन्होंने दिखलाया है,

भारत माता की सेवा में, जाबांज़ शेरों ने जान गवायाँ है,

शहीद वीरों की आत्मा का , आज तुम सँवार करो,

एक के बदले सो सिर लाने का, ऐसा नेक उपकार करो,

भर गोला बारूद बन्दूक में, अब तुम उनके सीने पर वार करो..।

भारत मां के गद्दारों ने, क्षण सुख के लिए इमां डुलाया है ,

बिक दुश्मन के हाथों चंद पैसों में, सुरक्षा में सेंध लगाया है,

ठहरा दुश्मन को घर गद्दारों ने, नीचता भरा षड़यंत्र रचाया है,

कर वार पीठ पीछे अपने जवानों के, भारत माँ को रुलाया है,

भारत के क्रूर दरिंदों का, अब पहले तुम संहार करो,

हे, भारत के लाल वीर तुम, पहले इनका हल्का भार करो,

भर गोला बारूद बन्दूक में, अब तुम उनके सीने पर वार करो..।

वक्त अब नहीं रोने का, अपने शेर अब नहीं खोना है,

लेके तिरंगा शान से अब, घाटी लाहौर में अब फहराना है,

गद्दारों को ठोक के गोली, उन्ही के घर में लटकाना है,

कर सफाया आतंकवाद का, देश में चैन सुख लाना है,

थर थर कांपे दुश्मन अपने, कलिंग युद्ध सा संहार करो,

भीगी बिल्ली बन भागे पाक, 1965 , 71 सा वार करो, 

भर गोला बारूद बन्दूक में, अब तुम उनके सीने पर वार करो..।

दिल्ली से शुरुवात करो तुम, षड्यंत्रकारियों को साफ़ करो,

जो कोई भी गद्दार दिखे, चुन चुन कर उन पर वार करो,

चीक पुकार करे भारत माता, तुम दुश्मन को न माफ़ करो,

अखंड भारत का एक सपना, अब तुम इसको साकार करो,

धरती, अम्बर, समुद्र में, सिंह सी तुम हुंकार भरो,

दुश्मन बैठा चाहे शिखर पर, पृथ्वीराज सा वार करो,

भर गोला बारूद बन्दूक में, अब तुम उनके सीने पर वार करो..।.


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