जन्मदिन- ए- मोहब्बत: एक ख्वाइश
जन्मदिन- ए- मोहब्बत: एक ख्वाइश
सुन्दर फूलों की वादियों में अपना आवास हो,
जीवन संग तेरे ख़ुशियों का हर पल निवास हो।
मैं भंवरा, तुम उन वादियों की सुन्दर पुष्प कली,
पहली-सी मुहब्बत, ख्वाबों की दुनिया हो भली।
मेरे हृदय की नब्ज़ों में रुधिर सी बहती तेरी मोहब्बत,
खामोश लफ्जों में भी प्रथम प्यार का अहसास हो।।
तेरे गुलदावदी ग़ज़रे की खुशबू, चेहरा का ये नूर,
हसीन आँखें, झूमता झुमका, सिर का सिंदूर।
महकता ये कोहिनूर सदा, हो ख़ुशियों भरा बाज़ार,
मैं लिखू गीत, तुम गुनगुनाओ, जैसे लिखे गुलज़ार।
लम्हे वो, मेरी अँगुलियों से, फिसलते तेरे लम्बे केश,
तुम कैरमबोर्ड की रानी हो, और मैं राजा जैसे चेस।
दिलों के रिश्ते शिद्दत से निभाएं, हम तुम सदा पास हो।
खामोश लफ्जों में भी प्रथम प्यार का अहसास हो।।
मनमोहक तेरे पायल की झनझनाहट वैसे,
गुलाब बिखेरे खुसबू, बसंत सर्द हो जैसे।
कमल पुष्प जैसे तेरे होठों की ये मुस्कराहट,
बिखेरे जैसे मेरे मन में प्यार की सुहावनी आहट,
एह्साह ए वफ़ा इश्क़, मेरी शायरी की किताब हो,
गजल ए गहरी मोहब्बत, मेरी लेखनी की स्हायी हो।
पंछी के जीवन मे मुद्द्तों तक, ये चिड़िया चहकती रहे,
जीवन चक्र चले आजीवन, हम तुम जन्मदिन मनाते रहे।
कदम से कदम चले संग, समंदर सा गहरा विश्वास हो,
खामोश लफ्जों में भी प्रथम प्यार का अहसास हो।