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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance

कब बनायेगा तूं?

कब बनायेगा तूं?

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तेरी नजर में स्थिरता नहीं है,

कैसे नजर मुझसे मिलायेगा तू?


मेरी पलकें ईशारा कर रही है,

ईश्क की भाषा कैसे समझेगा तू?


मेरा दिल तेरे लिये धड़क रहा है,

तेरे दिल का ताल कब मिलायेगा तू?


तेरे दिल में रहने का मेरा ख्वाब है,

दिल का दरवाजा कब खोलेगा तू?


मेरा रोम रोम तेरे लिये लहराता है,

उसका एहसास कब कर पायेगा तू?


तेरे लिये मै बहोत तरसता हूं "मुरली",

मुझे तेरी मल्लिका कब बनायेगा तू?



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