STORYMIRROR

Antariksha Saha

Romance

4  

Antariksha Saha

Romance

तुम

तुम

1 min
8

आहिस्ता आहिस्ता तुम ज़िन्दगी में आए 

कभी टिफ़िन बनाने की जल्दी में

कभी नहाने की गर्म पानी तौलिया देते हुए

प्यार बेशक़ नहीं था पहले

पहले आदत सी हो गई


कभी तेरे सांसों को महसूस करते हुए

कभी बिना जताते हुए कितना प्यार करते है 

आँखें कहे दिल की बयान

तुम सामने मेरे रहो

रात से सुबह हो ऐसे ही


ज़िन्दगी की मुश्किलों को ऐसे ही हम

साथ जीते रहे

रब से कुछ नहीं बस तेरा साथ मांगूँ

तुम सामने मेरे रहो

और क्या चाहिए 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance