है ख़बर मुझे कोई नादां नहीं हू
है ख़बर मुझे कोई नादां नहीं हू
है ख़बर मुझे कोई नादां नहीं हूं मैं, तू है मेरा जहां, तेरी दुनिया नहीं हूं मैं,
देखे बिना तुमको न गुज़रे कोई शब मेरी, कोई आरजू तेरे सिवा रखता नहीं हूं मैं,
करनी हैं मुझे बातें कई तुमसे रूबरू, यादों से सुलझ जाए वो मसला नहीं हूं मैं,
मानो मुझे अपना तो सिर्फ़ तुम्हारा, तुम गैर जो समझो तो किसी का नहीं हूं मैं,
आदतें मुझमें भी बुरी हैं कई लेकिन, औरों की खुशी देखकर जलता नहीं हूं मैं..