मेरे बेतुके सवालों पे ख़ामोश क्यो हो? नज़ाकत, ये लहज़ा, किस लिफाफे में तुम हो? तोड़ क्यो नहीं देते ये क़ा... मेरे बेतुके सवालों पे ख़ामोश क्यो हो? नज़ाकत, ये लहज़ा, किस लिफाफे में तुम हो? तोड़ ...
जब बच्चों को देखा तो होश उड़ गए, ये तो बहुत छोटे थे गिना तो खाने लायक तो बस आठ थे जब बच्चों को देखा तो होश उड़ गए, ये तो बहुत छोटे थे गिना तो खाने लायक तो ब...
बिना कौतुहल के धीरे से बढ़ते कदम, और और वो कोहरे के पीछे से आती रौशनी। बिना कौतुहल के धीरे से बढ़ते कदम, और और वो कोहरे के पीछे से आती रौशनी।
तेरे छोड़ने की आदत मुझे लग जाती। तेरे छोड़ने की आदत मुझे लग जाती।
मन को अब समझा रहा हूं मन पर मास्क लगा रहा हूं मन को अब समझा रहा हूं मन पर मास्क लगा रहा हूं
वो चाहे कि हम दाल सारी, बिन तड़के की बनाए, ऐसी तो उनकी आदतें नहीं। वो चाहे कि हम दाल सारी, बिन तड़के की बनाए, ऐसी तो उनकी आदतें नहीं।