STORYMIRROR

Punit Singh

Others

3  

Punit Singh

Others

और क्या बदला

और क्या बदला

1 min
190

बहुत अच्छा लग रहा है,

ये चिड़ियों का चहचहाना,

ये ठंडी सुर्ख हवा, और

लोगों को आते जाते देखना।


ठंडी गहरी सांस से अजब सा रिश्ता,

होठों के मोड़ पे हल्की सी मुस्कुराहट,

बिना कौतुहल के धीरे से बढ़ते कदम, और

और वो कोहरे के पीछे से आती रौशनी।


आनंद ले रहा हूँ मैं इन सब का,

जो अभी तक करते थे परेशान,

मिठास है एक जो घुली जा रही है,

और चाल मदमस्ती भरी है।


बातें बदलीं, शिकायतें बदलीं,

आदतें बदलीं, नियतें बदलीं,

कुछ वक़्त क्या गुज़ारा दोस्ती में तेरे साथ,

बहुत कुछ बदला है तेरे जाने के बाद।


बदलने लगे हैं हालात भी अब तो,

बढ़ चली हैं चीजें वक़्त के साथ,

मिलती है प्रेरणा मुझे आज भी तुम से,

देखूँगा राह तुमसे फिर मिलने की कुछ वक़्त बाद।


Rate this content
Log in