"सर्द हवाएं, मिजाज है शायराना"
"सर्द हवाएं, मिजाज है शायराना"
सर्द हैं हवाएं, मिजाज है शायराना
न कोई बंदिशे, न ही कोई बहाना।
ये कत्ल सी आंखें मार डालेंगी क्या......
यौवन का कहर जो मौसम है कातिलाना
तराना-ए-इश्क का जुल्फों की नफासत
नजाकत जो चेहरे की बेवजह ही शर्माना
शर्त मेरी शरारत की इजाजत हो तेरी
मगरूर ये अदाएं फूलों सा मुस्कुराना
लहजे से लबों पर लफ्जों का आना
आहिस्ता से कहा बस तुम्हें ही चाहना
शामिल हो जाऊं जो तेरी ही बातों में
जो तेरा इशारा बना एक बहाना......
सफर यही सर्द का हवाओं का मौसम
जिक्र हो तुम्हारा बस तुम्हें ही अपनाना।

