STORYMIRROR

Priyank Khare

Others

3  

Priyank Khare

Others

"नशा मुक्ति"

"नशा मुक्ति"

1 min
11.8K

इस "कश" की कश्ती में जो डूब गया

नशा की आदत में वो यूँ सुलग गया


धूम्रपान की ये लत, बुरी है इस कदर

सूखे पत्ते की भांति वो बिखर गया


ग़म की प्यास को यूँ बुझाते हैं लोग

जो पीते नहीं थे उन्हें भी पिलाते हैं लोग


हर शख्स बुरी लत का शिकार हो गया

भले बुरे के फर्क को आज वो भूल गया


नशा का तलब खत्म कर देगा एक दिन

लिप्त है वह नशे में ,रहता न वो नशे बिन


त्याग दे बुरी लत को तो जमाना सुधर जाए

अच्छी लत को लगा ले तो नशा चूर हो जाये



Rate this content
Log in