तितली रानी
तितली रानी
रंग-बिरंगी हैं पँखों वाली
ये हैं फूलों की शहजादी
पुष्प रसों का स्वादन करती
भिन्न भिन्न है ये रंगों वाली
स्पर्श है वो कोमल सा
छूते ही तुम उड़ जाती
कली कली में यूँ मंडराती
फूलों की तुम तितली रानी
प्यारी सी तुम छोटी सी
फुदक फुदक कर उड़ती हो
काली हैं वो आंखे तेरी
नाज़ुक सी तुम दिखती हो
नन्ही नन्ही सी हो तुम
यूँ देख मन हर्षाता है
दूर दूर हैं जो नज़रें मेरी
तुम्हें देख मन भाता है
चिंतित हैं ये नैन तुम्हारे
खिलते जब भी फूल सारे
हर गुल में है स्वाद अनोखा
रंग-बिरंगे हैं ये फूल प्यारे
रानी हो तुम फूलों की
बटर फ्लाई कहलाती हो
मन्द मन्द रेंगती यूँ तुम
हर फूल को सहलाती हो