Priyank Khare

Abstract

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Priyank Khare

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एकजुटता

एकजुटता

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संकल्प है एकजुट का 

सब मिल आज खड़े हुये


सम्भव है हर कार्य वो

बातों में वो अडिग रहे


आशाओं की किरण में

लालिमा है बिखरी पड़ी


संध्या की इस बेला में

सत्यता की एक दीप जले


सुंदर है ये मिलन सार

सुविचार बराबर जा मिले


स्पर्श है जो कोमल भरा

दिखते हाथ यूँ खड़े हुए


सेवा भाव के हित में

सर्व सहमति की आस लिए


साथ मिलकर हम रहे

बातों पर हम अमल करें


सतत् चलते रहें हम

संकल्प रूपी सरिता बहे।


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