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Ananya Bhushan

Tragedy

4  

Ananya Bhushan

Tragedy

दुआ

दुआ

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मर्द पर मर्दानगी छाई है..

लड़की माँ बहन किसी को उन पर दया नहीं आई है.. 

वाह क्या कलयुगी ज़माना आया है..

जहां बाप बेटी को बेटी नहीं मानता ...

जहां भाई बहन को बहन नहीं समझता ...

अब तो मामा दादा व नाना का रिश्ता भी बदल गया...

अपना मान भूलकर बूढ़ा भी जवान हो गया है... 

लड़की की चीखें किसी को सुनाई नहीं देती...

हर अंधेरी रात में किसी ना किसी लड़की की

सिसकियां जरूर सुनाई देती है ....

दोष रात का नहीं जमाने का है...

कसूर पहनावे का नहीं नजर का है ....


गलती लड़के करे शर्म लड़की को आए...

गलती कोई और करे गलत उसको ठहराया जाए ...

वाह क्या कलयुगी जमाना आया है ....

रात में सन्नाटा होगा किसी ना किसी गली में अपराध होगा....

आवाज किसी को नहीं आएगी

फिर मीडिया उस बात को उछलवायेगी... 

दो-तीन दिन शोर होगा ....नेता का आश्चर्य ने बयान होगा..

दौड़े-दौड़े लोग पुलिस में जाएंगे ...

हाथ पैर जोड़कर अपनी रिपोर्ट लिखवाएंगे....

बात कानून तक पहुंचाई जाएगी ..

फिर हर गली हर शहर से कैंडल मार्च निकाली जाएगी...

होगा क्या कुछ नहीं जो जैसा है वह वैसा ही रहेगा...

आज तक क्या कुछ बदला है जो आगे बदल जाएगा..

 

लड़की की सांसे रुक जाएंगी...

फिर सरकार उसको मुआवजा दिलाएगी ...

शोर थम जाएगा ...सब कुछ ठंडा हो जाएगा ...

सब लोग आम जिंदगी जीने लगेंगे ...

फिर किसी गली में अपराध होगा...

कब तक ही सिलसिला यूं ही चलेगा...

अब तो जग को जागना होगा...

क्या पता अगला निशाना आपके घर में से कोई होगा...

लोग कब समझेंगे जब सब खत्म हो जाएगा...

या वह तब समझेंगे जब यह हादसा उनके साथ हो जाएगा...


खुदा करे कोई लड़की सड़क में तड़पते ना मिले..

हर गली में कोई भी अपराध की खबर ना मिले...

यह तब होगा जब होश में जमाना होगा ...

मेरा नहीं यह कहकर टाल नहीं होगा...

कानून सख्त हैं पर और सखताई होनी चाहिए...

रेप बलात्कार करने वालों को उसी समय फांसी होनी ही चाहिए... 

क्यों केस को लंबा चलाना ...

क्यों लोगों का कानून पर से विश्वास उठाना ...

जब गुनाह की सजा सख्त होगी..

जब गुना करने वाले की फांसी के वक्त

तड़पती जरूर होगी...

दुआ यह मेरी कबूल हो जाए ...

किसी लड़की के साथ कभी कुछ गलत ना हो जाए ....



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