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Aditi Bhushan

Inspirational

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Aditi Bhushan

Inspirational

जब वह पापा बन जाता हैं

जब वह पापा बन जाता हैं

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मुझे गोद में खिलाकर बड़ा किया

मुझे सीन से लगाकर प्यार किया

अपनी छोटी सी दुनिया मै पनाह दी 

अपनी आखों का तारा बना दिया 

मुझे नन्ही जान को चलाना सिखाया


पंख फैलाकर उड़ाना सिखाया

मुझे जिंदगी जीना सिखाया

दुनिया की दौड़ में दौड़ना सिखाया

धूप की गर्मी में पसीना बहाता है वो 

मुझे रोटी खिलाकर खुद भूका ही सो जाता है वो


खूब पसीना मेहनत करके वो घर कर्च चलता है

बच्चो की एक चिद पर चंदा मामा को भी खीच लाता है

बच्चो को खुशी के लिए खुद बिक जाता है

अपनी परवाह करना भूल जाता है जब वह पापा बन जाता है


जो हर दर्द सेहकर बच्चो के लिए खोड़ा बना जाता है

खिलौने कपड़े जूते ये सब देकर बच्चो का हस्ता है


कभी चुटकले कभी कहानी सुनकर बच्चों को हँसाता है

अपना हर दर्द भूल जाता है जब वह पापा बना जाता है।


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