STORYMIRROR

Adarsh Kumar

Tragedy Others

4  

Adarsh Kumar

Tragedy Others

नारी

नारी

2 mins
305


हमसे ही ये भारत है,

हम यंगस्टर्स ही इस देश का भविष्य है, और

आने वाला कल भी हमसे ही है,

हमारी सोच ही गिरी हुई होगी तो ,

हमारा आज का समाज और आने वाला

समाज भी गिरा हुआ होगा,

इसलिए सोच बदलो देश बदलेगा।।


लड़की को तो हम बचपन से

उसकी हद में रहना सिखाते है,

पर लड़के को बचपन से कभी ये नहीं सिखाते

की उन्हे अपनी औकात में रहना चाहिए,

एक लड़की अगर छोटे कपड़े पहनती

तो ये समाज बोलता है,

लड़कियाँ लड़कों को इन्वाइट कर रही है

कि आओ मुझे छेड़ो,

जब एक लड़का शॉर्ट्स और गंजी में निकलता है,

तो ये समाज उन्हे कोई क्यों नहीं कुछ बोलता 

सोच बदलो देश बदलेगा ।।


अगर किसी लड़की के साथ कुछ गलत हो रहा है ,

उसे मोलेस्ट किया जाता है पब्लिक की आंखों के सामने 

तो ये पब्लिक ही है जो खड़े होकर

उनका वीडियो जरूर बनाएगी मगर बचाने नहीं जाएगी

क्युकी वो उनकी बहन बेटी थोड़ी है ,

खुदा ना खस्ता अगर उन दरिंदों की वजह से

कहीं आपकी बेटी या बहन उस मुसीबत में ना पड़ जाए 

सोच बदलो देश बदलेगा ।।


ये मत भूलो जो ये दुनिया चल रही है सिर्फ और सिर्फ 

जगत -जननी की

वजह से ही चल रही है ,

जिसके तुम अंश हो ,

जो तुम मंदिरों में पूजते हो काली ,सरस्वती , गंगा , लक्ष्मी 

ये भी एक औरत है ,जो इस संसार में  

लड़की ,बेटी ,औरत और एक मां के रूप में दिखती है

उनकी पूजा ना सही इज्जत देना सीख जाओ

सोच बदलो देश बदलेगा ।।


सालों साल से जो जात- पात ,उच्च- नीच ,हिन्दू -मुस्लिम

लड़ते आ रहे हो और ये नेता प्रेता, रिपोर्टर्स जो लड़वाते है

और बड़ी आसानी से खून की नदियां बहा देते हो,

कभी अपनी देश की मां ,बेटी और बेहनों के लिए भी लड़ लो ,

हम सब एक इंसान है कोई जाति उच्च नीच नहीं होती है ,

हर जाति में नीच इंसान होते ही होते है, 

इन सब से बाहर निकलो

सोच बदलो देश बदलेगा।।


कहने को तो हमारा देश कई साल पहले आज़ाद हो गया है ,

पर सच तो ये है कि आज भी हम आज़ाद नहीं हुए है ,

अपने देश के लोग ही हमें अपना गुलाम बनाए हुए है ,

बस अपनी गंदी सोच से ,

ना आज़ादी से कहीं जा सकते है ,ना कपड़े पहन सकते है ,

ना आवाज़ उठा सकते है और ना आज़ादी से जी सकते है ,

और इसे बदलना सिर्फ और सिर्फ हम जैसे यंगस्टर्स के हाथ में ही हैं 

सोच बदलो देश बदलेगा।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy