तुम , यादें और ज़िन्दगी
तुम , यादें और ज़िन्दगी
बस तुम हमेशा मेरे रहने की बात करते हो
क्या तुम भी मुझसे इश्क़ बेशुमार करते हो
देखा है मैंने कइयों को गैर का होता
क्या तुम भी वक़्त बदलने पर ऐसे सवाल करते हो..!
यादें तो हर कोई दे जाता है
बस यूं यादों में जीना नहीं चाहता,
अरे, तुम यादों में नहीं
हक़ीक़त में जीने की बात करते हो
हां शायद ये सच है
की तुम मुझसे इश्क़ बेशुमार करते हो....!