प्यार
प्यार
बंद किताबो को पढ़ने में कुछ अलग सा है फितूर
उन.किताबो मे है कुछ कशिश और है कुछ सुरुर
घनघोर अँधेरे में बिखरे वो अपना नूर
अनमोल है वो जैसा हीरा कोहिनूर
हर कोई उनको पढ़ने को है बेताब
जैसे वो हो कोई आफताब महताब
उस बंद किताब की है कोई चाबी यार
आहिस्ता आहिस्ता तू खोल दे मेरे प्यार!