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Manju Saini

Tragedy

4  

Manju Saini

Tragedy

शीर्षक: मेरा वजूद मेरे पापा

शीर्षक: मेरा वजूद मेरे पापा

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जाते जाते आप अपने जाने का गम दे गए

सब बहारें ले गए बस,रोने का गम दे गए

अब भी निगाहें ढूंढती हैं ,जैसे आप नहीं गए

अपने होने का हर पल,मुझे भ्रम दे गए


 पल पल आपकी वो सूरत याद आती है

 आप नहीं रहे, बस वो समय याद आता है

 मुझे हर तरफ सन्नाटा सा नजर आता है

 हर तरफ बस उदासी सी दिखाई देती है


बदल गया हैं देखने का अंदाज हर पल

आप क्या गए मातम सा छा गया हर पल

आपकी बदौलत हँसी थी होंठो पर हर पल

पापा ईश्वर से कम नही थे यहीं यादें हर पल


 बस मैं तो ये ही जानती हूँ हर क्षण

 मेरे पापा ही मेरी जिंदगी हुआ करते थे

जान दे सकती थी ये बेटी आपके लिए

 आपके दी जिंदगी मंजु चल रही हैं लिए।


          "आज आपके जन्मदिवस पर"

              आपकी कमी लग रही है

               आपकी बेटी को


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