भीतर उसके कुछ दरकता जा रहा था शायद ईमानदारी से किया हुआ प्रेम ! भीतर उसके कुछ दरकता जा रहा था शायद ईमानदारी से किया हुआ प्रेम !
यही जचेंगे हम पे, ये तो ज़िन्दगी के गहने हैं। यही जचेंगे हम पे, ये तो ज़िन्दगी के गहने हैं।
देखा है आँखों के सामने संकेतक का खेल पर नापी नहीं सच्चाई किस मापक की मदद से चाहिए विचारमंथन चाहिए ... देखा है आँखों के सामने संकेतक का खेल पर नापी नहीं सच्चाई किस मापक की मदद से चा...
स्वर्ग समान यहाँ अनुभव ध्यान-धारणा कर ही आयेगा अनुभूति का यह साक्षात्कार शरीर के कण-कण में ... स्वर्ग समान यहाँ अनुभव ध्यान-धारणा कर ही आयेगा अनुभूति का यह साक्षात्कार ...
उम्र के इस पड़ाव में दोस्त अब स्वप्न है। उम्र के इस पड़ाव में दोस्त अब स्वप्न है।
कल फिर तुझसे मिलकर मैं, मन भर के बतियाता हूँ। कल फिर तुझसे मिलकर मैं, मन भर के बतियाता हूँ।