एक प्रतीकात्मक रचना जो इंगित करती है एक व्यक्तित्व को ॥॥। एक प्रतीकात्मक रचना जो इंगित करती है एक व्यक्तित्व को ॥॥।
उंगली बढ़ा , मैं कलाई पकड़ लूंगा । उंगली बढ़ा , मैं कलाई पकड़ लूंगा ।
समय दिखाता रहा अँगूठे रिश्ते झूठे नाते झूठे , फिर उन्हें निभाते रहना , अनिकेतन जीवन समय दिखाता रहा अँगूठे रिश्ते झूठे नाते झूठे , फिर उन्हें निभाते रहना , ...
ग्यारह को तो देखकर ही सभी नौ दो ग्यारह होना चाहते ग्यारह को तो देखकर ही सभी नौ दो ग्यारह होना चाहते
मगर सोचते सोचते क्यूँ ये सोचूँ , तुम मुझसे क्या कहोगी मैं तुमसे क्या कहूँ मगर सोचते सोचते क्यूँ ये सोचूँ , तुम मुझसे क्या कहोगी मैं तुमसे क्या कहूँ
भरे दिल से सादर नमन देती रहना आशीर्वचन। भरे दिल से सादर नमन देती रहना आशीर्वचन।