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अब घर से बाहर जाते कदमों को हर संभव रोकने की कोशिश करने लगी हूँ। अब घर से बाहर जाते कदमों को हर संभव रोकने की कोशिश करने लगी हूँ।
पवन से बातें करता सपनों के साथ यथार्थ से कदम मिलाता झूला चलता रहता है। पवन से बातें करता सपनों के साथ यथार्थ से कदम मिलाता झूला चलता रहता है।
जो मेरे घर से थोड़ी ही दूरी पर मौजूद था। जो मेरे घर से थोड़ी ही दूरी पर मौजूद था।
तुम से जुड़ी मैं मुझ से जुड़ी तुम मैं तुम से अलग तो नहीं। तुम से जुड़ी मैं मुझ से जुड़ी तुम मैं तुम से अलग तो नहीं।
हर मौसम हर रंग में वक्त के बदलते मिज़ाज में हर मौसम हर रंग में वक्त के बदलते मिज़ाज में
इसी तरह अनेकानेक नामों से पुकारे जाते रहोगे इसी तरह अनेकानेक नामों से पुकारे जाते रहोगे
तुम अभिमन्यु नहीं थे ईश्वर जो मानव द्वारा बुने हुए व्यूह रचना में फंस जाते। तुम अभिमन्यु नहीं थे ईश्वर जो मानव द्वारा बुने हुए व्यूह रचना में फंस जाते...
बहुत दिनों से मंथन चल रहा था ईश्वर कैसे दिखते होंगे निराकार या साकार। बहुत दिनों से मंथन चल रहा था ईश्वर कैसे दिखते होंगे निराकार या साकार।