मत समझो की आवाज़ छोड़ गई मुझे मत समझो की आवाज़ छोड़ गई मुझे
वापस आ जाओ कृष्णा हरे, अब तो पूरा व्रज रे पुकारे ! वापस आ जाओ कृष्णा हरे, अब तो पूरा व्रज रे पुकारे !
रो हैं मन और दिल पुकारे जी रही हूं सिर्फ तेरी यादों के सहारे रो हैं मन और दिल पुकारे जी रही हूं सिर्फ तेरी यादों के सहारे
कंस की चतुराई पड़ गई फीकी, इन्द्र का अंह भाव सब मिटी। कंस की चतुराई पड़ गई फीकी, इन्द्र का अंह भाव सब मिटी।
तुम्हारी बातें याद बहुत आये, रह - रहकर मुझे तड़पाये, तुम्हारी बातें याद बहुत आये, रह - रहकर मुझे तड़पाये,
समय पुकारे जब भी, देख लो, अनसुना जो कर दिया, पछताओगे समय पुकारे जब भी, देख लो, अनसुना जो कर दिया, पछताओगे