तुम बिन मैं कहीं नहीं कान्हा तुम मेरे शीश का ताज हो तुम बिन मैं कहीं नहीं कान्हा तुम मेरे शीश का ताज हो
चाहत बस इतनी है मिलकर तेरे नैनों से बात करूँ चाहत बस इतनी है मिलकर तेरे नैनों से बात करूँ
नजर नहीं मिला सकते तो कोई बात नहीं कहो तो नैनों से हम कोई तीर चलाएं नजर नहीं मिला सकते तो कोई बात नहीं कहो तो नैनों से हम कोई तीर चलाएं
अपनी बाहों में मुझे ले लिया, फिर तो क्या?, अपनी बाहों में मुझे ले लिया, फिर तो क्या?,
माँ सिखाती आँचल होता है इज्जत अपने घर की। माँ सिखाती आँचल होता है इज्जत अपने घर की।
तकदीर में मेरी वो ना हो अगर.... रूह में तो समाये है मेरी मगर तकदीर में मेरी वो ना हो अगर.... रूह में तो समाये है मेरी मगर