डॉ० कुलवीर बैनीवाल सनातनी एक युवा समाजसेवक हूँ। मैं एक छोटी सी संस्था चलाता हूँ जिसका नाम सुमेर सिंह आर्य संस्थान है जोकि हरियाणा प्रदेश के रोहतक जिले से संचालित है ।
जो फल अपने आप दे देते हैं, उन वृक्षों को सभी खाद-पानी देकर सुरक्षित रखते हैं. जो फल अपने आप दे देते हैं, उन वृक्षों को सभी खाद-पानी देकर सुरक्षित रखते हैं.
संस्कार हमें बाल्यकाल से ही मिल जाता है। हमें अपनी संस्कृति पर गर्व होता है। संस्कार हमें बाल्यकाल से ही मिल जाता है। हमें अपनी संस्कृति पर गर्व होता है।
तूने तो बेबे मेरी आँख ही खोल दी !!! सोचूं सूँ कि मैं भी फेल हो जाऊं। तूने तो बेबे मेरी आँख ही खोल दी !!! सोचूं सूँ कि मैं भी फेल हो जाऊं।
जो किसान जहरमुक्त खेती करते हैं उनके खेतों में बारिश का पानी तो भर गया जो किसान जहरमुक्त खेती करते हैं उनके खेतों में बारिश का पानी तो भर गया
उन्होंने बहादुरी से टाल दिया और दुश्मनों को सबक सिखाया। उन्होंने बहादुरी से टाल दिया और दुश्मनों को सबक सिखाया।
इस वाक्य का भी मेरे आचार्यों ने मुझसे परिचय करवाया था। इस वाक्य का भी मेरे आचार्यों ने मुझसे परिचय करवाया था।
बैठक में अगले दिन ड्राइवर मंच पर चढ़ गया और भाषण देने लगा. बैठक में अगले दिन ड्राइवर मंच पर चढ़ गया और भाषण देने लगा.