एक जल की धारा से थे हम ना रास्ता मालूम था, ना मंजिल का पता! जब चलने की ठान ही ली, बेख़ौफ़ होकर चल पड़े हम !! - सुमेर सिंह आर्य संस्थान
“ न मैं गिरा और न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे..😊 पर लोग मुझे गिराने में कई बार गिरे...😊 सवाल जहर का नहीं था, वो तो मैं पी गया...😊 तकलीफ लोगों को तब हुई ज़ब मैं जी गया...😊 - डॉ० कुलवीर बैनीवाल ”
“ बहुत दिनों बाद डाकिया मेरे गाँव में आया है, मेरे हमसफर की चिठ्ठी अपने साथ लाया है; पहले छिपना-छिपाना और बाद में चुपके से पढ़ना, यही एक सपना आँखों में फिर से सजाया है | ” - डॉ० कुलवीर बैनीवाल
“ न मैं गिरा और न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे..😊 पर लोग मुझे गिराने में कई बार गिरे...😊 सवाल जहर का नहीं था, वो तो मैं पी गया...😊 तकलीफ लोगों को तब हुई ज़ब मैं जी गया...😊 - डॉ० कुलवीर बैनीवाल ”
नकारात्मक लोगों से खुद को दूर करें जो आपकी प्रेरणा को कम करने और आपकी महत्वाकांक्षा को कम करने की कोशिश करते हैं । - डॉ० कुलवीर बैनीवाल
जगह बदलिए, नौकरी बदलिए, दोस्त बदलिए या सब कुछ बदलिए लेकिन सुसाइड करने का ख्याल दिल से निकालिये, कुछ समय बाद आप पाएंगे कि यह आपके जीवन के बेहतरीन फैसलों में से एक था । - डॉ० कुलवीर बैनीवाल
मेरी दादी सबसे प्यारी, सबकी डाँट से मुझे बचाती, मेरे लिए मीठे पकवान, वो समय समय पर बनाती । - डॉ० कुलवीर बैनीवाल