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डॉ० कुलवीर बैनीवाल

Horror Action Inspirational

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डॉ० कुलवीर बैनीवाल

Horror Action Inspirational

राष्ट्रप्रेम

राष्ट्रप्रेम

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आज मैं आपके सामने राष्ट्रप्रेम की भावना से ओतप्रोत कहानी लेकर आया हूँ। हम चाहते हैं कि बच्चों से लेकर बड़ो तक ये कहानी जाये जिससे पढ़कर सभी के अंदर राष्ट्रप्रेम की भावना उजागर हो और वे आगे जाकर भारतवर्ष को आगे बढ़ाने के लिए अपना योगदान दे सकें। अगर आदमी के अंदर राष्ट्रप्रेम की भावना हो तो छोटे से छोटा आदमी भी देश की प्रगति में योगदान दे सकता है।

राष्ट्रप्रेम की कहानी:-

एक समय की बात है जब हमारे भारत देश की सीमा के किनारे पर बसे एक गांव पर कुछ आतंकवादियों ने कब्जा कर लिया व वहाँ ग्रामीणों के घरों की महिलाओं के साथ छेड़खानी करने लगे, वहाँ के बुजुर्ग व्यक्तियों को गोली मारने लगे तथा जवान व्यक्तियों को बंधक बना लिया। जब सैनिकों को सूचना मिली तो वे तुरंत ही उनसे निपटने के लिए चल पड़े।

बरसात का मौसम था व बहुत तेज बारिश हो रही थी। बारिश की वजह से वहाँ के छोटे-छोटे तालाब भी जल से भरकर खूब विशालकाय नजर आ रहे थे। पास ही में छोटी सी नदी भी उफान मारती हुई बह रही थी जिसके कारण नदी पर बने पुल टूट गए थे। सैनिकों को वह नदी पार करके आगे जाना था मगर पार करें भी तो कैसे ? सैनिकों ने खूब सोचा, कई प्रकार की युक्तियां सोची व उन युक्तियों पर काम करने लगे किंतु वह पार करने में असमर्थ रहे।

उन सैनिकों में से एक सैनिक की नजर नजदीक की एक झोपड़ी पर पड़ी व उन्होंने सोचा कि झोपड़ी में जाकर किसी से सहायता मांगी जाए, सभी सैनिक उस झोपड़ी में पहुँच गए। वह झोपड़ी एक महिला की थी जो दिनभर कार्य करती थी और अपनी झोपड़ी में रहती थी। उस महिला के पास अन्य कोई साधन नहीं था और न कोई दूसरा घर था।

सैनिकों ने जब बात बताई कि आतंकवादियों ने गांव पर कब्जा कर लिया हैं और हमें जल्दी ही वहां पहुंचना है , जिसके लिए यह नदी पार करनी आवश्यक है लेकिन पुल टूटने की वजह से हम पार करने में असमर्थ हैं। नदी को पार करने हेतु कुछ लकड़ियों की हमें आवश्यकता होगी जिसके कारण हम नदी को पार कर पाएंगे।

उस महिला ने पहले कुछ सोचा फिर कहा कि मेरी झोपड़ी मैं दोबारा बना लूंगी आपको जितने भी लकड़ी मेरी झोपड़ी से चाहिए निकाल लीजिये। महिला के इस राष्ट्रप्रेम की भक्ति से सैनिक गदगद हो गए और यथा शीघ्र ही नदी पर एक पुल का निर्माण किया गया जिससे सभी सैनिक नदी के पार उतर गए। महिला के इस राष्ट्रप्रेम की सराहना जितनी करें उतनी ही कम है।

सैनिक जल्दी ही उस गांव में पहुंच गए जहां आतंकवादियों ने कब्जा किया हुआ था। अंत में सैनिकों ने काफी देर की मशक्कत के बाद आतंकवादियों को मार गिराया और कुछ भाग गए। इस तरह सैनिकों ने अपने भारत देश में आए हुए संकट को उन्होंने बहादुरी से टाल दिया और दुश्मनों को सबक सिखाया।


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