कोई प्रोत्साहित करता है हरदम मुझको, किसी ने यूं ही गले लगाया है। किसी की बातें। ... कोई प्रोत्साहित करता है हरदम मुझको, किसी ने यूं ही गले लगाया है। किसी की ब...
राम गृहस्थ में संत-नारायण है, राम अंत में आदि है। राम गृहस्थ में संत-नारायण है, राम अंत में आदि है।
कहते हो मन मैं तेरे हूँ बैठा ! दरस नहीं दे पा रहे हो ? कहते हो मन मैं तेरे हूँ बैठा ! दरस नहीं दे पा रहे हो ?
आत्मविश्वास भर हमारे मन में, प्रेरित करे हमें अपने लक्ष्य की ओर। आत्मविश्वास भर हमारे मन में, प्रेरित करे हमें अपने लक्ष्य की ओर।
संसार न होगी तेरे किसी कन्दर्प की, मोह में फंसाकर विष देते सर्प की। संसार न होगी तेरे किसी कन्दर्प की, मोह में फंसाकर विष देते सर्प की।
सत्ता के जागीरदारों से नफरत हुई, की राष्ट्र से प्रेम बढ़ा। सत्ता के जागीरदारों से नफरत हुई, की राष्ट्र से प्रेम बढ़ा।