दुनिया के इरादे
दुनिया के इरादे


दुनिया कुछ भी कह सकती है,
कर वही कार्य जो सबसे अच्छा है।
रहकर मौन ये मानस बन तू सशक्त,
सत्य के लिए बहा दे तु अपने रक्त।
संसार न होगी तेरे किसी कन्दर्प की,
मोह में फंसाकर विष देते सर्प की।
ऐसा चसक बना दुनिया महके तेरे वास से,
एक दिन यही दूनिया चलेगी तेरे आस से।
ये सिलसिला तुझे तेरी चाह बना सकती है,
दुनिया कुछ भी कह भी कह सकती है।।