STORYMIRROR

Alok Ranjan

Romance

3  

Alok Ranjan

Romance

मैं ना नाम लिखूं

मैं ना नाम लिखूं

1 min
152

तुम लिखो हाय हैलो

मैं सिर्फ प्रणाम लिखूं

सब-कुछ लिखूं एक चिट्ठी में

बस मैं ना नाम लिखूं।


आना जाना ख्वाबों हर पल

हिचकियां प्रति पल

सबूत अब क्या लिखूं

कुछ बूंदें आंसू के परिणाम लिखूं।


चुपके-चुपके मुझे क्यों सताते हो

मैं ढूंढ रही तुमको तुम मुझमें कहीं आते हो

क्या लिखूं कब लिखूं या सुबह-शाम लिखूं

यादें तो अनमोल है सारी अब क्या मैं दाम लिखूं ।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance