मैं ना नाम लिखूं
मैं ना नाम लिखूं
तुम लिखो हाय हैलो
मैं सिर्फ प्रणाम लिखूं
सब-कुछ लिखूं एक चिट्ठी में
बस मैं ना नाम लिखूं।
आना जाना ख्वाबों हर पल
हिचकियां प्रति पल
सबूत अब क्या लिखूं
कुछ बूंदें आंसू के परिणाम लिखूं।
चुपके-चुपके मुझे क्यों सताते हो
मैं ढूंढ रही तुमको तुम मुझमें कहीं आते हो
क्या लिखूं कब लिखूं या सुबह-शाम लिखूं
यादें तो अनमोल है सारी अब क्या मैं दाम लिखूं ।

