मन को कुछ आराम दे
मन को कुछ आराम दे
सोचते है मन को कुछ आराम दे ले,
हर काम से दूर हो जाये कुछ दिनों के लिए,
आसान नहीं होता लेकिन ये जिंदगी के सफर में,
जिंदगी के झंझट कम होते ही नहीं,
आराम करना तो अब हो गया मुश्किल,
कोई ना कोई काम निकल ही आता है,
लिखने बैठते है तो दूसरे दोस्त नाराज़ हो जाते है,
घर वालों को अपने लिए वक्त चाहिए,
लिखने से थोड़ा सुकून हमको मिल जाता है,
अपनी इच्छाओं को पूरा कर लेते है,
अपना मन थोड़ा हल्का कर लेते है,
हाले दिल सुनाकर खुद को खुश कर लेते है।
