मै तुझसे फिर मिलूंगी
मै तुझसे फिर मिलूंगी
मिलना मेरा तुझसे बस समय की बात है
समय से परे है रिश्ता हमारा
रिश्ता यह एक दूजे के साथ है ।
बंधन यह दिनों का नहीं ,
युगों युगों की बात है
जन्म जन्म से हम हैं
एक दूजे के लिए
मैं तेरे और तू मेरे साथ है ।
मैं आऊंगी लौटकर फिर तेरी राहों में,
फिर मिलूंगी मैं तुझसे,
और तेरी चाहतों से,
कहां , कब , कैसे ,
यह मैं जानती नहीं
बस जानती हूं मैं इतना
मैं तुम्हारे लिए और तुम हो मेरे लिए ।
शायद कभी तेरी कल्पनाओं का हिस्सा बन कर,
कभी तेरी आंतरिक इच्छा बन कर
बनूंगी मैं तुम्हारी प्रेरणा ,
उतारोगे जब कभी तुम रंगों को ,
कोरे कागज में उन रंगों संग मैं भी उतर जाऊंगी,
झाकूंगी कभी उन रंगों से
रंग तुम्हारे भी रंग जाऊंगी
मैं तुझसे कुछ यूं मिलूंगी ।
मिलूंगी मैं तुझसे कुछ यूं भी
तेरे केनवास पे
तेरी खींची लकीरों में
लकीर एक बन जाऊंगी
ओढ़ लूंगी एक रहस्य मैं
खामोशी नजरों से तुझे देखूंगी ,
कुछ यूं मैं तुझसे फिर मिलूंगी ।
फिर मिलूंगी मैं तुझसे ,
आऊंगी फिर मैं तेरी बाहों में
तेरी अकेलेपन को ,अपने अधूरेपन से मैं भर दूंगी,
बन कर तेरी रूह का हिस्सा ,
अपने वजूद को मैं पूरा कर लूंगी,
फिर मिलूंगी मैं तुझसे , तेरी ही बाहों में
मैं फिर तेरी राहों में आऊंगी।
मैं तेरे लिए और तू है मेरे लिए ,
मैं तुझसे फिर मिलूंगी,
कब , कहा , कैसे मैं जानती नहीं
पर लौट कर मैं तेरी राहों में ही आऊंगी
मैं तुझसे फिर मिलूंगी ।