हां, खूबसूरत है जिन्दगी
हां, खूबसूरत है जिन्दगी
माना कि जिंदगी मेरी कभी भी आसान रही नहीं,
छोटे छोटे अरमानों की चुकायी है कीमत बड़ी,
इन्हीं कीमतों ने तो बताया -
"खुशियां यूं ही तो गले मिलती नहीं"
और जब गले मिलती है, तो कानो में कह जाती है -
"जिंदगी खूबसूरत है।"
हां ! खूबसूरत है जिंदगी
तब जब मेरा हाथ थाम वो चलती है,
कभी कदम जो मेरे लड़खड़ाएं,
कभी फिसलती राहें मुझे गिरा जाएं
वो मुझ पर हंसती नहीं,
मुस्कुरा के हौसला मुझे में भर देती है,
और फिर चल पड़ती है संग मेरे,
खूबसूरती एक नई,उसकी चाल में आ जाती है।
हां, खूबसूरत है जिंदगी।।
हां ! खूबसूरत है जिंदगी।
जब मैं थक कर कहीं बैठ जाती हूं,
जिम्मेदारियों से नजरें फेरना चाहती हूं,
लेकर प्याला हौसले का जिंदगी पास आ बैठती है,
"तुम कर सकती हो "
" कर सकती हो तुम " -
कह के ये जिंदगी फिर खड़ी हो जाती है,
चल पड़ती है संग मेरे फिर सफर पर ,
खूबसूरती सफर की बदल जाती है।
जिंदगी खूबसूरत बन जाती है।
हां ! खूबसूरत है जिदंगी।
सपनो से अपने तंग आ कर जब मैं नींद से रूठ जाती हूं,
मीठी बोलियों से डर कर जब मैं कड़वी हो जाती हूं,
अकेलापन अकसर मैं पीड़ा से बांटा करती हूं,
तब फिर चली आती है ठुमकती जिंदगी,
नये इरादों से सपनों को सजा देती है,
पीड़ा कहीं जब जाती नहीं,
काजल बना आंखों में बसा देती है,
खरी बोलियों की माला गले में पहना कर,
वो हकीकत से मुझे मिलाती है,
बदल सकती हूं मैं रंग हकीकत के, वो चुपके से कह जाती है
हां ! जिंदगी खूबसूरत है,
जब जिंदगी हाथ थाम संग होती है।