कागजी जज्बात
कागजी जज्बात
1 min
116
अक्सर पढ़ा है मैंने
ऐसी कलमों को
चमकते अक्षरों को
सुंदर लय में सजे शब्दों को ।
लगता है ऐसा
हर शब्द से व्यथा झलक रही
हर अक्षर नम्र मन की कथा कह रही।
पर सच होता है अक्सर कल्पना से परे
सजे होते हैं जज़्बात जो कोरे पन्नों पे
जज्बे वो मिलते ही नहीं दिल की परतों में
कागजी जज्बातों से चेहरा सजा लेते हैं
खाली दिल के महलों में एहसास कही नहीं मिलते हैं ।