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Manoj Kumar

Romance

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Manoj Kumar

Romance

तेरे बिन जिया न जाये साथिया

तेरे बिन जिया न जाये साथिया

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रात में चाँद है

साथ है तू कहीं..

नींद है ख्वाब में

इश्क है तू कहीं x 2


तू नजर में नहीं

दिख नहीं है कहीं....


तेरे बिन जिया न जाये

साथिया...

ये दिल को सिया न जाये

साथिया...


तेरे बिन जिया न जाये

साथिया...


तू कहाँ है छिपी

मैं तुझे ढूँढू कहाँ

तू रोशनी है मेरी

मैं तेरा आसमाँ x2


है मेरी ख्वाहिशें

तुझे पाने की इक

तू आए कहीं....


तेरे बिन जिया न जाये

साथिया...

ये दिल को सिया न जाये

साथिया...


तेरे बिन जिया न जाये...


इक आदत सी मुझमें

तेरी रुह से रूह तक

तू मेरी हो गई है..

जिस्म से रूह तक x2


चोट लगती है ये

उजाले से दिल पे

दिखता नहीं दिल और कहीं....


तेरे बिन जिया न जाये

साथिया...

ये दिल को सिया न जाये

साथिया...


तेरे बिन जिया न जाये

साथिया...x


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