एक तू और दूजा तेरा इश्क
एक तू और दूजा तेरा इश्क
जब से दिल में बसा है तेरा इश्क़
सूफियाना हुआ है तेरा इश्क़
रात दिन चढ़ रहा है मुझ पर ये
जैसे बिल्कुल नशा है तेरा इश्क़
सब मेरा लूट कर गईं दुनिया
पास मेरे बचा है तेरा इश्क़
मैं कभी नाप ही नहीं सकता
जान-ए-जॉं बेपनाह है तेरा इश्क़
रोज़ बेचैन कर के इक तेरी
याद दिलवा रहा है तेरा इश्क़
फ़िर से सागर में तूफाँ है आया
मौज बन के उठा है तेरा इश्क़

