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मिली साहा

Romance

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मिली साहा

Romance

बेवफ़ाई

बेवफ़ाई

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ख़्वाबों में भी न सोचा था कि ऐसा दिन आएगा,

मेरा प्यार मुझसे इस क़दर बेवफ़ाई कर जाएगा,

कसमे, वादे, ख़्वाब पल में सब रेत सा बह गया,

टूटा दिल सपनों की दुनिया से जमीं पर आ गया,


मोहब्बत मेरी सच्ची थी, दिल से वफ़ा निभाई है,

आखिर क्या कसूर मेरा जो ऐसी किस्मत पाई है,

छलता रहा पल- पल और मैं विश्वास करती रही,

वो किसी और का था और मैं उम्मीद में बैठी रही,


फिर भी एक उम्मीद थी दिल में शायद लौट आए,

मेरी मोहब्बत मेरे जज़्बातों को शायद समझ पाए,

पर उम्मीद तब टूटी, जब उसने फैसला सुना दिया,

मुझे नहीं है मोहब्बत तुमसे, यह पैगाम सुना दिया,


डूब गई वो तिनके सी उम्मीद भी जो तैर रही थी,

दिल के समंदर में छोटी सी आस लगाए बैठी थी,

दिल टूट गया मेरा पर उसे आवाज़ तक ना आई,

सोचा न एक पल भी सपने तोड़ गया वो हरजाई ,


खुश था वो दूर होकर कभी पलटकर भी न देखा,

शायद उसने मुझसे कभी मोहब्बत ही नहीं किया,

जब मोहब्बत थी नहीं, क्यों पलकों में सपने दिए,

सपने दिखाकर खूबसूरत कितने गहरे ज़ख्म दिए,


मैं ज़ख्मों में जी रही हूँ उसने हमसफ़र चुन लिया,

साथ चलने का वादा करके रास्ता ही बदल लिया,

प्यार,जज्बात,विश्वास,उम्मीद का कोई मोल नहीं,

कितनी आसानी से कह दिया मुझे मोहब्बत नहीं,


उसने जो भी किया पर मेरी तो मोहब्बत सच्ची है,

आंसुओं के सैलाब में खूबसूरत यादों की कश्ती है,

उन्हीं यादों को मैं लम्हा लम्हा याद कर जी लेती हूँ,

बहते आंसू रोकूं कैसे यादों की चादर ओढ़ लेती हूँ।


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