मानसून ने कहा
मानसून ने कहा
मानसून ने प्रेमी युगल से कहा...
" मैं बरसात में जब भी आऊंगा,
तुम्हें प्यार से सराबोर कर जाऊँगा !"
सच्चे प्रेम की पराकाष्ठा क्या है,
यह सब को आकर मैं बतलाऊंगा !
प्रेम करने वाले जब एक दूसरे में समाते हैं,
तभी तो दोनों ही प्रेम को समझ पाते हैं!
मैं बरसात मैं दो प्रेमियों को मिलाऊंगा,
और उन पर बादल की तरह बरस जाऊंगा !
बादल कहता है,मैं जब भी आऊंगा,
तुम्हें प्यार से सराबोर कर जाऊँगा !
बताओ,प्रेमी युगल को और क्या चाहिए,
बस एक दोनों का साथ और प्यार चाहिए!
मैं प्रेम का बादल बनाकर प्रेमियों को और करीब लाऊंगा,
प्रेम की वर्षा करके इंद्रधनुष बन जाऊंगा!

