दुनिया क्यूं जलती है?
दुनिया क्यूं जलती है?
तेरा मेरा मिलना अजीब सा लगता है,
तेरा मेरा रिश्ता युगो युगो सा लगता है,
मुझे पता नहीं की ये कैसा प्रेम बंधन है,
रोज रात मुझे ख्वाबों में तू नजर आती है।
तुझे न देखु को रात खयालों में बीतती है,
चांद भी मुझे देखकर व्यंग में हंसता है,
मुझे पता नहीं की ये कैसा तेरा जादू है,
हरपल तेरी कमी मुझे महसूस होती है।
तेरी हर अदाएं मुझे दीवाना बना देती है,
एक पल की जुदाई सदियों सी लगती है,
मूझे पता नहीं की क्यों मेरी जिंदगी में,
हरपल मुझको तेरी ही जरुरत रहती है।
तुझे मेरे दिल में बसाना अच्छा लगता है,
तेरे नैनो के आयने में मेरी छवि दिखती है,
मुझे पता नहीं की ये कैसी कयामत है "मुरली",
हमारी महोब्बत से दुनिया क्यूं जलती है?

