दिल का किरायेदार
दिल का किरायेदार
तेरी नज़र मेंं बसा हुआ हूंँ,
तेरे इश्क की मै परछाई हूंँ,
मुझ से न शरमाना सनम,
मै ही तेरे मन का मयूर हूंँ।
मै तेरे दिल की धड़कन हूंँ,
मै तेरे सांसों की सरगम हूंँ,
तू मुझ से दूर न रहना सनम,
मै तेरे इश्क का आलाप हूंँ।
मै तेरी सुबह की रोशनी हूंँ,
मै चांद की शितल किरन हूंँ,
मुझे प्यार से तू देखलें सनम,
मै ही तेरे मिलन का ख्वाब हूंँ।
मै ही तेरे इश्क का समंदर हूंँ,
मै ही तेरे इश्क की गहराई हूंँ,
सिर्फ ईतना ही कह दे "मुरली",
मै तेरे दिल का किरायेदार हूंँ।
रचना:-धनज़ीभाई गढीया"मुरली" (ज़ुनागढ-गुजरात)

