"लब से लब जो मिले "
"लब से लब जो मिले "
मिट गई वो दूरियाँ, ख़त्म हुए फ़ासले,
जीत गया इश्क़ लब से लब जो मिले।
दिल की दिल से बातें हुई यूँ चुपके से,
बदल गए हालात,मिट गए जो थे गिले।
हसरतें हुई जवाँ, मोहब्बत के सुरूर में,
अंगड़ाई लेने लगे ख़्वाहिशों के क़ाफ़िले।
चूमकर पेशानी यक़ीन जीत लिया तूने,
ज़ीस्त के चमन में फूल हज़ारों है खिले।
वीरान सी दिल की बस्ती गुलज़ार है हुई,
क़दम जो तेरे,मेरे क़दम से साथी आ मिले।