तुम आ जाना
तुम आ जाना
सुनों, जनवरी के जाने तक फ़रवरी के आने तक तुम बस आ ही जाना...
मौसम के इठलाने तक नए कोपलों के आने तक तुम बस आ ही जाना....
वादों को निभाने तक साँसों को आजमाने तक तुम बस आ ही जाना....
इंतज़ार के इंतहा तक यादों के याद आने तक तुम बस आ ही जाना......
समय के बदलने तक ख्वाहिशों के मिलने तक तुम बस आ ही जाना.....
कि तेरे-मेरे रिश्तों की डोर थामने तक हाँ, तुम बस आ ही जाना....!!